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पॉलिसीबाजार और पैसाबाजार का संचालन करने वाली कंपनी पीबी फिनटेक ने बाजार नियामक SEBI के पास IPO के जरिए 6,017.5 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आवेदन किया है।

ड्रॉफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के मुताबिक आईपीओ में 3,750 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का एक नया निर्गम होगा, जबकि इसमें मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 2,267.50 करोड़ रुपये की बिक्री शामिल है।

ओएफएस के तहत एसवीएफ पायथन-दो (केमैन) 1,875 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगा, यशिश दहिया 250 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे और कुछ अन्य शेयरधारक भी शेयरों की पेशकश करेंगे।

पीबी फिनटेक आईपीओ से पहले इक्विटी शेयरों के निजी नियोजन के जरिए करीब 750 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर सकती है।

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इस IPO में कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईआईएफएल सिक्योरिटीज और जेफरीज इंडिया इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। पीबी फिनटेक बीमा और ऋण उत्पादों के लिए अग्रणी ऑनलाइन मंच है, जो प्रौद्योगिकी, डेटा और नवाचार के कारण बढ़त हासिल है।

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Image source: iStockPhoto

IPO को इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (INITIAL PUBLIC OFFERING) कहते हैं। जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। IPO के जरिए कंपनी फंड इकट्ठा करती है और उस फंड को कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है। IPO खरीदने के बदले निवेशकों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। एक कंपनी एक से ज्यादा बार भी IPO ला सकती है, जिसे FPO कहते हैं।

कंपनियां IPO क्यों लाती हैं?

जब किसी कंपनी को अपना विस्तार करने के लिए, कर्ज कम करने के लिए, नए प्रोडक्ट या सर्विसेज के लॉन्च के लिए पैसों की आवश्यकता होती है तो ज्यादातर कंपनी शेयर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बेचकर आम जनता से पैसा उठा लेती हैं। वैसे वे किसी बैंक लोन का सहारा भी ले सकती है, लेकिन बैंक लोन कंपनी को एक निश्चित समय पर निश्चित ब्याज के साथ लौटाना होता है। जबकि अगर कंपनी IPO के जरिए फंड इकट्ठा करती है तो उसे किसी को न तो वह पैसा लौटाना पड़ता है और न ही किसी तरह का ब्याज देना पड़ता है।

IPO खरीदने वाले निवेशकों को बदले में कंपनी में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जाती है। इस तरह से IPO से कंपनी को फायदा होता है।

IPO के प्रकार

IPO को उसकी कीमत के हिसाब से दो प्रकार के होते हैं-

  1. फिक्स प्राईस इश्यू या फिक्स प्राईस IPO (FIX PRICE ISSUE OR FIX PRICE IPO)
  2. बुक बिल्डिंग इश्यू या बुक बिल्डिंग IPO (BOOK BUILDING IPO)

फिक्स प्राईस IPO (FIX PRICE IPO)

IPO जारी करने वाली कंपनी IPO जारी करने से पहले IPO का एक फिक्स प्राईस डिसाइड करती है। उस फिक्स प्राईस पर ही कोई भी इनवेस्टर IPO को सबस्क्राईब कर सकते हैं। आप केवल उसी प्राइस पर IPO खरीद सकते हैं जो प्राईस निर्धारित किए गए है।

बुक बिल्डिंग IPO (BOOK BUILDING IPO) 

इसमें कंपनी IPO का एक प्राईस बैंड डिसाइड करती है। जब IPO की प्राईस बैंड डिसाइड हो जाती है उसके बाद ही इसे जारी किया जाता है। इसके बाद डिसाइड किए गए प्राईस बैंड में से इनवेस्टर अपनी बिड सबस्क्राईब करते हैं। बुक बिल्डिंग IPO के प्राईस बैंड दो तरह के होते हैं-

  1. Floor Price: कम कीमत वाले प्राइस बैंड को कहते हैं।
  2. CAP Price: अधिक कीमत वाले प्राइस बैंड को कहते हैं।

यदि किसी कंपनी ने अपने एक शेयर का प्राइस बैंड ₹72 – ₹79 निर्धारित किया तो Floor Price ₹72 और CAP Price ₹79 होगा।

बुक बिल्डिंग IPO में कैप प्राईस (CAP PRICE) और फ्लोर प्राईस (FLOOR PRICE) में 20% का अंतर रखा जा सकता है।

IPO में इनवेस्ट कैसे करें?

IPO जारी करने वाली कंपनी अपने IPO को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है।

आप इन निश्चित दिनों के भीतर IPO में इनवेस्ट कर सकते हैं। IPO में किसी भी बैंक, BHIM UPI, Net banking, Registered Stock Broker जैसे- Zerodha, Upstox, Angel Broking etc. के द्वारा आवेदन किया जा सकता है।

अब अगर IPO फिक्स प्राईस इश्यू है, तो उसी फिक्स प्राईस पर IPO के लिए अप्लाई किया जाता है। यदि IPO बुक बिल्डिंग इश्यू है तो उसी बुक बिल्डिंग इश्यू पर ही बिड लगानी होगी।

IPO का Allotment कैसे होता है?

IPO की क्लोजिंग तारिख के बाद कंपनी IPO का अलॉटमेंट करती है।  इस प्रोसेस में कंपनी सभी इनवेस्टर्स को IPO अलॉट करती है। इनवेस्टर्स को IPO अलॉट होने के बाद शेयर भारत के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट हो जाते हैं। जब तक शेयर, स्टॉक मार्केट में लिस्ट नहीं होते हैं तब तक उन्हें बेचा नहीं जा सकता हैं। स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद इन्हें शेयर बाज़ार में ख़रीदा और बेचा जाता है।

Glenmark Life Sciences IPO : Image Credit – Pixabay

ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज (Glenmark Life Sciences), ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) की सब्सिडियरी कंपनी है। अभी तक ग्लेनमार्क फार्मा की कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है।

यह अपना IPO 27 जुलाई को जारी करेगी। IPO में 1 शेयर 695-720 रूपए का होगा। इस IPO के न्यूनतम 1 लोट और अधिकतम 13 लोट में निवेश किया जा सकता है। IPO के 1 लोट की कीमत 13900-14400 के बीच होगी। यह आईपीओ 29 जुलाई को बंद हो जाएगा।

इस IPO के जरिये कंपनी करीब 1514 करोड़ रूपए जुटायेगी। कंपनी 1060 करोड़ रुपये के नए शेयर IPO में जारी करेगी। प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू (Face Value) 2 रुपये होगी। ऑफर फॉर सेल (Offer For Sale) के तहत कंपनी के प्रमोटर अपने 63 लाख शेयर बेचेंगे। कंपनी ने 50 फीसदी शेयर योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए रिजर्व रखा है। 15 फीसदी शेयर गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व किए हैं। बाकी 35 फीसदी शेयर रिटेल निवेशकों(आम निवेशकों) के लिए रखें गए हैं।

एंकर निवेशकों के लिए यह IPO 26 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इसे 6 अगस्त को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्टेड किया जा सकता है।

ग्लेनमार्क लाइफ साइंस के इस IPO के लीड मैनेजर – गोल्डमैन सैक्स, कोटक महिंद्रा कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, DAM कैपिटल, BoB कैप्स और SBI कैपिटल हैं।

इससे पहले कंपनी ने IPO से 1600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। लेकिन, अब IPO का आकार घटा दिया गया है। कंपनी ने इस साल अप्रैल में SEBI को IPO के लिए आवेदन भेजा था।

ग्लेनमार्क लाइफ साइंस की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में डिवीज लेबोरेट्रीज (Divis Laboratories), लॉरस लैब्स (Laurus Labs), शिल्पा मेडिकेयर (Shilpa Medicare), आरती ड्रग्स (Aarti Drugs) और सोलारा एक्टिव फार्मा (Solara Active Pharma) शामिल हैं।

इस IPO SE जुटाए गए 900 करोड़ रुपए से बकाया पेमेंट चुकाया जाएगा, जो रकम कंपनी के API बिजनेस को अलग करने के लिए खर्च की गई थी। इसके अलावा बाकी बचे 152.76 करोड़ रुपए कंपनी अपनी दूसरी जरूरतों में इस्तमाल करेगी।

ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज हाई वैल्यू, नॉन-कोमोडिटाइज्ड एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (API) का निर्माण करती है। यह 120  प्रकार के अलग-अलग प्रोडक्ट बनाती है। इसकी दवाओं का इस्तेमाल कार्डियोवस्कुलर, सेंट्रल नवर्स सिस्टम थैरेपी, डायबिटीज और एंटी-इंफेक्टिव के इलाज में होता है।