Modi Launch e-Rupi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड‍िजिटल सेवाओं को लेकर काफी ध्‍यान देते हैं। अब खबर आई है कि पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल भुगतान के लिए ‘ई-रुपी’ की शुरुआत करेंगे.

e-Rupi क्या है?

ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है। इस निर्बाध वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स, सेवा प्रदाता पर कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस किए बिना वाउचर को भुनाने में सक्षम होंगे। इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने UPI प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।

ई-रुपी कैसे काम करेगा?

ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है। इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है।

Glenmark Life Sciences IPO GMP

Glenmark Life Sciences IPO: कंपनी का IPO 27 जुलाई को खुला था, जो 29 जुलाई को बन्द हो गया है. अब निवेशको को इसके शेयरों के आवंटन और लिस्टिंग का इंतज़ार है.


कंपनी ने अपने इस इशू से 1514 करोड़ रूपए जुटाए हैं. Glenmark Life Sciences का IPO 5.78 गुना सब्सक्राइब हुआ.

Glenmark Life Sciences IPO GMP क्या है?

मार्किट विश्लेशको के अनुसार ग्रे मार्किट में आज एक अगस्त को Glenmark Life Sciences के अनलिस्टेड शेयर्स का प्रीमियम करीब 90 रूपए चल रहा है. इससे पहले इसका GMP 140 पर था जो अभी फिलहाल कम होकर 90 रूपए हो गया है. कंपनी का इशू प्राइस 695-720 रूपए है. इसके हिसाब से कंपनी के शेयर्स कि लिस्टिंग 800-850 के बीच हो सकती है. अभी इसके शेयरों की लिस्टिंग में वक़्त है यदि इस बीच प्रीमियम घटता है तो शेयरों के लिस्टिंग प्राइस पर इसका प्रभाव होगा.

शेयरों का आवंटन और लिस्टिंग कब होगी?

Glenmark Life Sciences IPO के शेयरों का आवंटन 3 अगस्त 2021 को हों सकता है. अगर आपको आवंटन में शेयर नही मिले तो 4 अगस्त तक पैसे वापस आ जाएंगे. यदि आवंटन में आपको शेयर मिल जाते हैं तो ये आपके डीमैट खाते में 5 अगस्त तक होल्डिंग में आ जायेंगे.

Glenmark Life Sciences IPO के लिस्टिंग की अनुमानित तारीख 6 अगस्त 2021 तय की गयी है. हालाँकि अभी इसकी कोई पक्की तारीख नही है.

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ATMs New Charges

एक अगस्त से नए नियमो के अनुसार अब एटीएम से कैश निकालने पर पहले की अपेक्षा ज्यादा शुल्क चुकाना होगा.

इसके अलावा भी कई बदलाव किये गए हैं.

1. एटीएम से पैसा निकालने पर ज्यादा शुल्क देना होगा

2. अब बैंक की छुट्टी के दिन कि सैलरी और पेंशन भी मिलेगी

3. ICICI बैंक ने अपने सर्विसेज चार्जेज में बदलाव किया है

4. IPPB ने अपनी फ्री डोर स्टेप सेवा पर अब शुल्क लेगी

एटीएम से पैसा निकालने पर ज्यादा शुल्क देना होगा  

एक अगस्त से ATM की इंटरचेंज फीस 15 रुपए से बढ़ाकर 17 रुपए हो जाएगी। जबकि नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर भी शुल्क 5 रुपए से बढ़ाकर 6 रुपए हो जाएगा। बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए जगह-जगह ATM लगाए गए हैं। दूसरे बैंकों के ग्राहक भी इन मशीनों से पैसे निकालते या ट्रांसफर करते हैं। हर बैंक ने फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा तय की हुई है। उससे ज्यादा लेनदेन करने पर ग्राहकों से फीस ली जाती है। इसी को इंटरचेंज फीस कहते हैं।

अब  बैंक की छुट्टी के दिन कि सैलरी और पेंशन भी मिलेगी 

बैंक से होने वाले लेन-देन रविवार और छुट्टियों के दिन भी हो सकेंगे। RBI ने नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) सिस्टम को सातों दिन चालू रखने का फैसला किया है। अब आपको अपनी सैलरी या पेंशन के लिए शनिवार और रविवार यानी वीकेंड के गुजरने का इंतजार नहीं करना होगा।

इसके अलावा छुट्टी वाले दिन आपके अकाउंट से किस्त भी कटेगी। यानी 1 अगस्त से सैलरी, पेंशन और EMI पेमेंट जैसे जरूरी ट्रांजैक्शंस के लिए अब वर्किंग डेज का इंतजार नहीं करना होगा।

ICICI बैंक ने अपने सर्विसेज चार्जेज में बदलाव किया है 

ICICI बैंक ने पैसा निकालने, जमा करने और चेक बुक के चार्ज सहित कई नियमों में बदलाव किया है। आप बैंक की ब्रांच में चेक से केवल 4 बार ही फ्री नकद लेन-देन कर सकेंगे। चार बार से ज्यादा जमा करने या निकालने पर हर बार 150 रुपए का चार्ज देना होगा।

ATM के जरिए आप 6 मेट्रो शहरों में महीने में 3 बार फ्री ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसके सिवा दूसरे शहरों में 5 ट्रांजैक्शन फ्री हैं। इसके ऊपर ट्रांजैक्शन करने पर चार्ज देना होगा। चार्ज के रूप में आपको मेट्रो शहरों में 20 रुपए और दूसरे शहरों में 8.50 रुपए हर ट्रांजैक्शन पर देने होंगे।

IPPB ने अपनी फ्री डोर स्टेप सेवा पर अब शुल्क लेगी 

एक अगस्त से इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) की डोर स्टेप बैंकिंग सुविधा के लिए शुल्क देना होगा। IPPB के अनुसार अब हर बार डोर स्टेप बैंकिंग सुविधा के लिए 20 रुपए प्लस GST देना होगा। अब तक डोर स्टेप बैंकिंग के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाता है।

इसके अलावा किसी ग्राहक को पैसे ट्रांसफर करने और मोबाइल पेमेंट आदि के लिए भी 20 रुपए प्लस GST देना होगा। IPPB के खाते या किसी और बैंक के ग्राहक के खाते में मनी ट्रांसफर के लिए भी यही चार्ज देना होगा।

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IDFC Bank June 2021 Quarter Results

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने शनिवार (31 जुलाई 2021) अपने तिमाही नतीजे जारी कर दिए हैं.

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने कहा, “कुल आय सालाना आधार पर 36 प्रतिशत बढ़कर Q1FY22 में 3,034 करोड़ रुपये हो गयी है, जो नेट इंटरेस्ट इनकम और सर्विसेज चार्जेज के कारण हुई है. पिचले साल इसी तिमाही में Q1FY21 के दौरान बैंक कि कुल आय 2,229 करोड़ रुपये थी।”

निजी ऋणदाता आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने शनिवार को कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने के उपायों के प्रावधान के कारण अप्रैल-जून तिमाही में 630 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया।

जून 2020 में समाप्त इसी तिमाही में बैंक ने 93.55 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था और मार्च 2021 में समाप्त हुई तिमाही में 127.81 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।

Q1FY22 के लिए 630 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा कोविड वेव 2.0 के लिए प्रावधानों के कारण है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा, कोविड के प्रभाव को देखते हुए प्रावधान कि राशि को 375 करोड़ से बढाकर 725 करोड़ किया गया है.

बैंक ने कहा कि उसका शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) – अर्जित और व्यय ब्याज का अंतर – इस तिमाही के दौरान 5.51 प्रतिशत रहा है. पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 4.86 फीसदी था।

शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 25 फीसदी बढ़कर 2,185 करोड़ रुपये हो गई. बैंक का कुल और शुद्ध NPA, 30 जून, 2021 को क्रमशः 4.61 प्रतिशत और 2.32 प्रतिशत रहा. बैंक का एनपीए पिछले साल कि तुलना में क्रमशः 1.99 प्रतिशत और 0.51 प्रतिशत से बढ़ गए है.

बैंक जमा 36 प्रतिशत बढ़कर 84,893 करोड़ रुपये हो गयी। बैंक का कुल खुदरा ऋण जून तिमाही में 56,043 करोड़ रुपये से बढ़कर 72,766 करोड़ रुपये हो गया है.

बैंक का 1,645 करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी लाइन लोन बुक को छोड़कर रिटेल लोन बुक में साल-दर-साल 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.हालांकि पिछले तिमाही की तुलना में इस बार इसमें 1.2 फीसदी की गिरावट आई है. बैंक का होलसेल लोन बुक 15 प्रतिशत गिरकर 40275 करोड़ रुपये से 34,232 करोड़ रुपये पर आ गया है.

इस तिमाही में बैंक का Capital Adequacy Ratio 15.56 प्रतिशत रहा. इसी बीच बैंक का CASA अनुपात 50.86 प्रतिशत रहा.

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ वी वैद्यनाथन ने कहा, “हमारा CASA अनुपात उच्च है उसकी तुलना में हमारा सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज कम है, जिस कारण हम अब प्राइम होम लोन बिज़नस में कदम रख सकते हैं.”

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Image source: iStockPhoto

IPO को इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (INITIAL PUBLIC OFFERING) कहते हैं। जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। IPO के जरिए कंपनी फंड इकट्ठा करती है और उस फंड को कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है। IPO खरीदने के बदले निवेशकों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। एक कंपनी एक से ज्यादा बार भी IPO ला सकती है, जिसे FPO कहते हैं।

कंपनियां IPO क्यों लाती हैं?

जब किसी कंपनी को अपना विस्तार करने के लिए, कर्ज कम करने के लिए, नए प्रोडक्ट या सर्विसेज के लॉन्च के लिए पैसों की आवश्यकता होती है तो ज्यादातर कंपनी शेयर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बेचकर आम जनता से पैसा उठा लेती हैं। वैसे वे किसी बैंक लोन का सहारा भी ले सकती है, लेकिन बैंक लोन कंपनी को एक निश्चित समय पर निश्चित ब्याज के साथ लौटाना होता है। जबकि अगर कंपनी IPO के जरिए फंड इकट्ठा करती है तो उसे किसी को न तो वह पैसा लौटाना पड़ता है और न ही किसी तरह का ब्याज देना पड़ता है।

IPO खरीदने वाले निवेशकों को बदले में कंपनी में कुछ प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल जाती है। इस तरह से IPO से कंपनी को फायदा होता है।

IPO के प्रकार

IPO को उसकी कीमत के हिसाब से दो प्रकार के होते हैं-

  1. फिक्स प्राईस इश्यू या फिक्स प्राईस IPO (FIX PRICE ISSUE OR FIX PRICE IPO)
  2. बुक बिल्डिंग इश्यू या बुक बिल्डिंग IPO (BOOK BUILDING IPO)

फिक्स प्राईस IPO (FIX PRICE IPO)

IPO जारी करने वाली कंपनी IPO जारी करने से पहले IPO का एक फिक्स प्राईस डिसाइड करती है। उस फिक्स प्राईस पर ही कोई भी इनवेस्टर IPO को सबस्क्राईब कर सकते हैं। आप केवल उसी प्राइस पर IPO खरीद सकते हैं जो प्राईस निर्धारित किए गए है।

बुक बिल्डिंग IPO (BOOK BUILDING IPO) 

इसमें कंपनी IPO का एक प्राईस बैंड डिसाइड करती है। जब IPO की प्राईस बैंड डिसाइड हो जाती है उसके बाद ही इसे जारी किया जाता है। इसके बाद डिसाइड किए गए प्राईस बैंड में से इनवेस्टर अपनी बिड सबस्क्राईब करते हैं। बुक बिल्डिंग IPO के प्राईस बैंड दो तरह के होते हैं-

  1. Floor Price: कम कीमत वाले प्राइस बैंड को कहते हैं।
  2. CAP Price: अधिक कीमत वाले प्राइस बैंड को कहते हैं।

यदि किसी कंपनी ने अपने एक शेयर का प्राइस बैंड ₹72 – ₹79 निर्धारित किया तो Floor Price ₹72 और CAP Price ₹79 होगा।

बुक बिल्डिंग IPO में कैप प्राईस (CAP PRICE) और फ्लोर प्राईस (FLOOR PRICE) में 20% का अंतर रखा जा सकता है।

IPO में इनवेस्ट कैसे करें?

IPO जारी करने वाली कंपनी अपने IPO को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है।

आप इन निश्चित दिनों के भीतर IPO में इनवेस्ट कर सकते हैं। IPO में किसी भी बैंक, BHIM UPI, Net banking, Registered Stock Broker जैसे- Zerodha, Upstox, Angel Broking etc. के द्वारा आवेदन किया जा सकता है।

अब अगर IPO फिक्स प्राईस इश्यू है, तो उसी फिक्स प्राईस पर IPO के लिए अप्लाई किया जाता है। यदि IPO बुक बिल्डिंग इश्यू है तो उसी बुक बिल्डिंग इश्यू पर ही बिड लगानी होगी।

IPO का Allotment कैसे होता है?

IPO की क्लोजिंग तारिख के बाद कंपनी IPO का अलॉटमेंट करती है।  इस प्रोसेस में कंपनी सभी इनवेस्टर्स को IPO अलॉट करती है। इनवेस्टर्स को IPO अलॉट होने के बाद शेयर भारत के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट हो जाते हैं। जब तक शेयर, स्टॉक मार्केट में लिस्ट नहीं होते हैं तब तक उन्हें बेचा नहीं जा सकता हैं। स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद इन्हें शेयर बाज़ार में ख़रीदा और बेचा जाता है।

Glenmark Life Sciences IPO : Image Credit – Pixabay

ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज (Glenmark Life Sciences), ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) की सब्सिडियरी कंपनी है। अभी तक ग्लेनमार्क फार्मा की कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है।

यह अपना IPO 27 जुलाई को जारी करेगी। IPO में 1 शेयर 695-720 रूपए का होगा। इस IPO के न्यूनतम 1 लोट और अधिकतम 13 लोट में निवेश किया जा सकता है। IPO के 1 लोट की कीमत 13900-14400 के बीच होगी। यह आईपीओ 29 जुलाई को बंद हो जाएगा।

इस IPO के जरिये कंपनी करीब 1514 करोड़ रूपए जुटायेगी। कंपनी 1060 करोड़ रुपये के नए शेयर IPO में जारी करेगी। प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू (Face Value) 2 रुपये होगी। ऑफर फॉर सेल (Offer For Sale) के तहत कंपनी के प्रमोटर अपने 63 लाख शेयर बेचेंगे। कंपनी ने 50 फीसदी शेयर योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए रिजर्व रखा है। 15 फीसदी शेयर गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व किए हैं। बाकी 35 फीसदी शेयर रिटेल निवेशकों(आम निवेशकों) के लिए रखें गए हैं।

एंकर निवेशकों के लिए यह IPO 26 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इसे 6 अगस्त को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्टेड किया जा सकता है।

ग्लेनमार्क लाइफ साइंस के इस IPO के लीड मैनेजर – गोल्डमैन सैक्स, कोटक महिंद्रा कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, DAM कैपिटल, BoB कैप्स और SBI कैपिटल हैं।

इससे पहले कंपनी ने IPO से 1600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। लेकिन, अब IPO का आकार घटा दिया गया है। कंपनी ने इस साल अप्रैल में SEBI को IPO के लिए आवेदन भेजा था।

ग्लेनमार्क लाइफ साइंस की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में डिवीज लेबोरेट्रीज (Divis Laboratories), लॉरस लैब्स (Laurus Labs), शिल्पा मेडिकेयर (Shilpa Medicare), आरती ड्रग्स (Aarti Drugs) और सोलारा एक्टिव फार्मा (Solara Active Pharma) शामिल हैं।

इस IPO SE जुटाए गए 900 करोड़ रुपए से बकाया पेमेंट चुकाया जाएगा, जो रकम कंपनी के API बिजनेस को अलग करने के लिए खर्च की गई थी। इसके अलावा बाकी बचे 152.76 करोड़ रुपए कंपनी अपनी दूसरी जरूरतों में इस्तमाल करेगी।

ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज हाई वैल्यू, नॉन-कोमोडिटाइज्ड एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (API) का निर्माण करती है। यह 120  प्रकार के अलग-अलग प्रोडक्ट बनाती है। इसकी दवाओं का इस्तेमाल कार्डियोवस्कुलर, सेंट्रल नवर्स सिस्टम थैरेपी, डायबिटीज और एंटी-इंफेक्टिव के इलाज में होता है।

Bombay Stock Exchange (BSE)

शेयर एक अंग्रेजी शब्द है जिसका हिंदी अर्थ “हिस्सेदारी” होता है,  जब हमें किसी कंपनी में कुछ हिस्सेदारी खरीदने होती है तो हम उसके कुछ शेयर खरीद लेते हैं।

किसी भी कंपनी के शेयर हम शेयर बाजार से ही खरीद सकते हैं। शेयर बाजार में प्रत्येक कंपनी दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्टेड होती है।

शेयर बाजार में उन्हीं कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं जो BSE और NSE पर लिस्टेड है। BSE पर पूरे देश की लगभग 5000 कंपनी लिस्टेड हैं और NSE  पर लगभग 2000 कंपनियां लिस्टेड हैं। कुछ बड़ी कंपनियां; जैसे- Reliance Industries, Tata Consultancy Services (TCS), HDFC, Wipro, Infosys आदि।

India में BSE और NSE के अलावा और भी कई स्टॉक एक्सचेंज है पर वह इतने प्रचलन में नहीं है।

शेयर बाजार से किसी कंपनी के शेयर कैसे खरीदें और बेचें।

शेयर बाजार में कंपनियों के स्टॉक डीमेट अकाउंट से खरीदे और बेचे जाते हैं। डीमैट अकाउंट, SEBI (एक स्वायत्त सरकारी संस्था) द्वारा अधिकृत किसी स्टॉक ब्रोकर के पास खोला जाता है।

Stock Brokers और Demat Account क्या होता है?

Stock Broker

शेयर बाजार से किसी भी कंपनी के शेयर हम सीधे BSE और NSE से नहीं खरीद सकते इसके लिए हमें एक स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है जो SEBI द्वारा अधिकृत हो।

इन स्टॉक ब्रोकर्स के पास Demat और Trading Account खोला जाता है। Demat और Trading Account से ही शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं।

स्टॉक ब्रोकर दो प्रकार के होते हैं:

  • Full Service Brokers
  • Discount Brokers

Full Service Brokers: फुल सर्विस ब्रोकर Investment, Market Analysis, Stocks Recos, Portfolio Management की Services देते हैं। यह Demat + Trading + Bank Account की सुविधा देते हैं। इनकी Services Fees और Annual maintenance charges, Discount brokers से ज्यादा होते हैं।

  • HDFC Securities
  • ICICI securities
  • Kotak Securities

यह कुछ प्रमुख फुल सर्विस ब्रोकर हैं।

Discount Brokers: डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ Demat और Trading Account की सुविधा देते हैं। Bank Account अलग से खुलाना पड़ता है। यह स्टॉक ब्रोकर की सबसे बढ़िया Category है इसमें ब्रोकर कोई Stock Recos,Personal Investment, Portfolio Management की सुविधा नहीं देता है यह सब आपको खुद ही करना पड़ता है इसीलिए इन की Fees और Charges कम होते हैं।

कुछ Discount Brokers के List निम्नलिखित है:

  • Zerodha 
  • Upstox
  • Angel broking

Demat account

जिस प्रकार पैसों को बैंक में रखा जाता है उसी प्रकार कंपनियों के Stocks को Demat account  में रखा जाता है।

शेयर बाजार में stocks खरीदने या बेचने के लिए trading account से पैसे दिए और लिए जाते हैं। Trading Account, Demat Account  से linked रहता है।

Trading Account में पैसों को भेजने या निकालने के लिए एक Bank Account लगाते हैं।

Conclusion

शेयर बाजार में किसी कंपनी के stocks खरीदने के लिए सबसे पहले किसी stock broker के पास अपना demat account और trading account खुलाते हैं। इसके बाद Demat और Trading Account से Bank account linked करते हैं।

बैंक अकाउंट से पैसे trading account में भेजे जाते हैं। trading account  से stocks को खरीदा जाता है। stocks खरीद जाने के बाद डीमेट अकाउंट में आ जाते हैं।

इस आर्टिकल में मैंने इस Stock Market  के बारे में और उससे शेयर खरीदने की प्रोसेस के बारे में बताया है अगर यह आर्टिकल अच्छा लगा तो इसे शेयर जरूर करें।

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